The Basic Principles Of Shiv chaisa
Wiki Article
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
shrishivchalisa.com participates within the Amazon Associates Associates System, an affiliate advertising method intended to supply a usually means for web sites to receive commissions by linking to Amazon.
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
मन मंदिर में, वास है तेरा, तेरी छवि बसाई,
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो more info मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
तेरी खोज में, ना जाने, कितने युग मेरे बीते,
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
स्वामी more info एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
shiv chalisa in hindi नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥